अजमेर, जयपुर और टोंक की प्यास बुझाने वाला बीसलपुर बांध के 2 गेट आज खोल दिए हैं। करीब 6010 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इसके लिए सभी तैयारियां पहले ही हो चुकी थीं। गेट खोलने से पहले सायरन बजाकर आसपास के गांवों को लोगों को अलर्ट किया गया।
इस दौरान कलेक्टर चिन्मयी गोपाल, जल संसाधन विभाग के SE वीरेंद्र सिंह सागर सहित अन्य अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। गेट खोलने से पहले बीसलपुर बांध पर पूजा-अर्चना की गई।
इसके बाद शुक्रवार सुबह करीब 8 बजे 9 और 10 नंबर के गेट 50-50 सेंटीमीटर तक खोल दिए गए। पानी बनास नदी में जाने लगा। सुबह 6 बजे तक ही बांध का लेवल 315.49 मीटर तक पहुंच चुका था। इससे पहले बीसलपुर बांध से 2019 में पानी छोड़ा गया था।
इस दौरान कलेक्टर ने बताया कि पिछले सप्ताह बांध का गेज 312 आरएल मीटर था। यह बांध की 46% क्षमता के बराबर था। पिछले 48 घंटे में भराव 90 प्रतिशत तक पहुंच गया। आज खोले गए दोनों गेट करीब 24 घंटे खुले रहेंगे। बांध में पानी का आना बंद होता है तो गेट भी बंद कर दिए जाएंगे। आगे बारिश की स्थिति फिर बनती है, तो गेट भी वापस खोले जा सकते हैं।
बीते 19 साल में बीसलपुर बांध 5 बार ओवरफ्लो हो चुका है। यह छठी बार है, जब गेट खोलकर पानी छोड़ा गया है। इसको लेकर पुलिस और प्रशासन पूरी तरह चौकस नजर आया। आसपास के क्षेत्रों में पहले ही अलर्ट कर दिया गया और गेट खोलने की टेस्टिंग भी कर ली गई थी। बांध के गेट खोलने से पहले बजाए गए सायरन की आवाज दूर तक सुनाई दी। बीसलपुर बांध में कुल 18 गेट हैं।
1 करोड़ लोगों की प्यास बुझाता है बांध
बीसलपुर बांध से टोंक, अजमेर और जयपुर जिले के करीब 1 करोड़ लोगों के लिए पेयजल की सप्लाई होती है। रोजाना इस बांध से एवरेज 2 सेंटीमीटर पानी पेयजल की सप्लाई में खपत होता है। इन तीनों जिलों में रोजाना औसत 950 एमएलडी (1 MLD= 28 लाख लीटर) पानी सप्लाई किया जाता है।
इस बार नहरों में भी छोड़ा जाएगा पानी
बांध छलकने की स्थिति में इस साल रबी की फसल के लिए नहरों में पानी छोड़ा जाएगा। नहरों में छोड़ने के लिए बांध का 8 टीएमसी पानी निर्धारित कर रखा है। इससे जिले के करीब तीन लाख किसानों की 2 लाख हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी। इससे जिले में सरसों का रकबा भी बढ़ेगा और बंपर पैदावार होने की संभावना है।