अजमेर संभाग के सबसे बड़े जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के शिशु विभाग में इलाज के दौरान एक किशोरी की मौत हो जाने के बाद परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्यवाही की मांग की है नसीराबाद निवासी नरेश ने बताया कि उनकी भतीजी को डेंगू हुआ था जिसके बाद उनके भाई भाभी बच्ची को लेकर जेएलएन हॉस्पिटल पहुंचे थे 24 अक्टूबर को किशोरी को जेएलएन हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया जहां डॉक्टर महेंद्र मस्तान और डॉक्टर सुमन ने इलाज के दौरान कहा कि लड़की नाटक कर रही है इसे कुछ नहीं हुआ है परिजनों पर दबाव बनाकर उसे डिस्चार्ज कर दिया गया वापस तबीयत बिगड़ने पर गुरुवार की रात परिजन किशोरी को लेकर हॉस्पिटल पहुंचे जहां पता चला कि किशोरी के पूरे शरीर में डेंगू फैल चुका है रात भर उसका उपचार किया गया और सुबह किशोरी का शव परिजनों को थमा दिया गया परिजनों का आरोप है कि डॉ महेंद्र मस्तान और डॉक्टर सुमन की लापरवाही की वजह से उनकी बच्ची की जान गई है इसलिए उन्होंने प्रशासन से आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है