अजमेर शहर के प्रसिद्ध पुष्कर रोड स्थित नौसर माता मंदिर में इन दिनों नवरात्रा की धूम मची हुई है श्रद्धालु पूर्ण आस्था के साथ मां दुर्गा के नौ रूपों के दर्शन कर धर्म लाभ ले रहे हैं इस मौके पर द डेजर्ट एक्सप्रेस में नौसर माता मंदिर के पीठाधीश्वर श्री रामकृष्ण देव से मंदिर के इतिहास के बारे में जानकारी ली पीठाधीश्वर श्री रामकृष्ण देव ने बताया कि ब्रह्मा जी ने वरदान प्राप्त असुरों के संघार के लिए नाग पहाड़ की जिव्हा पर नव दुर्गा मंदिर की स्थापना की थी इस मंदिर का विकास राजपूत राजाओं द्वारा करवाया गया बाद में मुगल आक्रांता ओने इस मंदिर पर कब्जा कर इसे क्षति पहुंचाई 140 साल पहले उनके दादाजी बुद्ध करण जी महाराज ने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया इसके बाद उनकी गुरु मां सुश्री उमा कुमारी ने मंदिर का विकास करवाते हुए नवरात्र महोत्सव की शुरुआत करवाई गुरु मां उमा कुमारी के देवलोक गमन के बाद भी यह परंपरा जारी है रामकृष्ण देव ने बताया कि मां दुर्गा के नौ रूप हैं पहला रूप मां शैलपुत्री दूसरा रूप मां ब्रह्मचारिणी तीसरा रूप मां चंद्रघंटा चौथा रूप मां कुष्मांडा पांचवा रूप स्कंदमाता छठा रूप मां कात्यायनी सातवां रूप मां कालरात्रि आठवां रूप महागौरी और नवा रूप मां सिद्धिदात्री का है मां गौरी अपने सभी रूपों में भक्तों पर कृपा बरसाती हैं इसीलिए नवरात्रों में भक्तों को 9 दिन का उपवास कर माता की आराधना करनी चाहिए जो लोग 9 दिन तक पूर्ण उपवास नहीं कर सकते वह लोग दिन में एक वक्त भोजन करके भी मां की आराधना कर सकते हैं माता को पंचोपचार नवैद्य आदि भेंट कर माता की घट स्थापना करनी चाहिए और पूजन करना चाहिए नवरात्र के अंतिम दिन आज नौसर माता मंदिर में भंडारे का आयोजन किया गया है शाम 7:00 बजे माता की महा आरती का आयोजन किया जाएगा जिसमें सभी भक्तों को आमंत्रित किया गया है

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