कोरोना की दूसरी लहर की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के बाद शुरू हुई चरणबद्ध अनलॉक की प्रक्रिया के तीसरे चरण में करीब ढाई महीने बाद धार्मिक स्थलों को खोलने का आदेश जारी किया गया है इसी कड़ी में अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह को भी आम जायरीनों के लिए खोल दिया गया है उसके बारे में जानकारी देते हुए दरगाह के खादिम सैयद इमरान चिश्ती ने बताया कि लंबे समय से ख्वाजा साहब के चाहने वाले उनके दरबार के खुलने का इंतजार कर रहे थे हर रोज कई लोग फोन के जरिए दरबार शरीफ के खुलने की जानकारी मांगते थे सोमवार से ख्वाजा साहब का दरबार अपने चाहने वालों के लिए खोल दिया गया है जिसकी वजह से सभी में खुशी की लहर दौड़ गई है वही सैयद नादिरशाह ने बताया कि फिलहाल ख्वाजा साहब की मजार पर फूल और चादर चढ़ाने पर रोक है लेकिन यहां आने वाले अकीदतमनदो मैं दरगाह खुलने को लेकर काफी उत्साह है दरगाह के सभी गेट यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं