अजमेर पोक्सो कोर्ट ने दुष्कर्म पीड़ित एक और बच्ची के अपराधी को सजा सुना कर एक ऐतिहासिक उदाहरण पेश किया है इसकी जानकारी देते हुए विशिष्ट लोक अभियोजक विक्रम सिंह शेखावत ने बताया कि 7 साल की बच्ची घर पर अकेली थी और उसकी माता झाड़ू पोछे के काम के लिए घर से बाहर गई हुई थी इसी दौरान पड़ोस में रहने वाला चंद्रप्रकाश उर्फ चंदू जोकि लंगड़ा है बच्ची को अपने घर ले गया और वहां ले जाकर बच्ची के साथ दुष्कर्म किया घर आने पर जब बच्चे की माता को इस घटना की जानकारी मिली तो उसने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज करवाई जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और कोर्ट में पेश किया इस मामले में कोर्ट ने आरोपी को 20 साल की कठोर कारावास के साथ ही 2 लाख 11 हजार रुपए का आर्थिक दंड सुनाया है इस मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से कोर्ट में कुल 21 दस्तावेज और 12 गवाह पेश किए गए थे आरोपी के विकलांग होने पर किसी तरह के रहम के सवाल पर शेखावत ने कहा की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाला आरोपी भले ही विकलांग है लेकिन कोर्ट ने मामले की संगीता को देखते हुए उस पर किसी तरह का कोई रहम नहीं किया है कोर्ट द्वारा इस मामले को बेहद गंभीर माना गया है साथी पीड़ित बच्चे को न्याय देने के उद्देश्य से आरोपी को कठोर सजा दी गई है