अजमेर गायों को चारे के रूप में दिया जाने वाला रिजका किसानों से किसी और दर पर खरीदा जाता है लेकिन ग्राहकों को किसी और दर पर बेचा जाता है इसी का विरोध करते हुए सुशीला किन्नर ने रिजका विक्रेताओं के खिलाफ जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है ढोल के साथ नाचती हुई जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंची सुशीला किन्नर गुस्से के साथ बताती है कि दौराई तबीजी और डूमाडा में गंदे पानी में रिजके की बुवाई की जाती है क्षेत्रों से रिजका विक्रेता ₹4000 प्रति बीघा के हिसाब से रिजका खरीदते हैं एक बीघा में करीब 4 ट्रक ओवरलोड होकर रिजका खरीदा जाता है हजारों क्विंटल रिजका कौड़ियों के दाम खरीदने के बावजूद भी ग्राहकों के साथ धांधली की जाती है ₹10 में रीजके की एक छोटी सी पुली बनाकर ग्राहकों को दे दी जाती है जिसकी वजह से ग्राहक गायों को भरपेट रिजका नहीं खिला पाते नतीजा बूचड़खाने में गायों को काट दिया जाता है इस पूरे घटनाक्रम पर आक्रोश जताते हुए सुशीला किन्नर ने जिला कलेक्टर को रिजका विक्रेताओं के खिलाफ ज्ञापन सौंपकर न्याय की गुहार लगाई है उनका कहना है कि यदि वह गलत साबित हुई तो वह अपनी जेब से 50 लाख रुपए का भुगतान करेंगे