अजमेर महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा दरगाह में हिंदू प्रतीक होने का दावा करने के बाद पूरे शहर में हलचल मच गई है इस संबंध में जब मीडिया ने अंजुमन कमेटी से मुलाकात की तो अंजुमन कमेटी के सदर मोईन सरकार और सचिव वाहिद हुसैन अंगाराशाह ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया अंजुमन कमेटी के सचिव ने कहा कि देश में पिछले कुछ समय से कुछ लोग अराजकता फैलाने का प्रयास कर रहे हैं इसीलिए कुछ समय से आए दिन इस तरह के बयान सामने आ रहे हैं ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में सिर्फ मुस्लिम संप्रदाय ही नहीं बल्कि भारत के सभी संप्रदाय के लोग अपने आस्था रखते हैं इसीलिए ख्वाजा साहब के मुरीदो को इस तरह के बयानों को सिरे से खारिज कर देना चाहिए भारत में हमेशा से ही गंगा जमुनी तहजीब का वातावरण रहा है लेकिन कुछ लोग अपनी राजनीति चमकाने के मकसद से देश में अराजकता फैलाने का प्रयास करने हैं वही अंजुमन कमेटी के सदर मोइन सरकार ने कहा कि ख्वाजा साहब की दरगाह में मुस्लिमों से ज्यादा हिंदू आस्था रखते हैं जहां तक सर्वे करवाने की बात है तो सभी राजनेताओं ने अपने जीवन काल में कभी ना कभी दरगाह में हाजिरी दी है इसीलिए दरगाह की जांच करवाने या सर्वे करवाने की बात बिल्कुल बेबुनियाद है लेकिन फिर भी यदि इस संबंध में जवाब मांगा जाता है तो अंजुमन कमेटी इसका जवाब देने के लिए तैयार है गौरतलब है कि महाराणा प्रताप सेना के द्वारा दरगाह में हिंदू प्रतीक चिन्ह होने का दावा करने के बाद दरगाह थाना पुलिस और खुफिया विभाग अलर्ट मोड पर आ चुके हैं दरगाह के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कर दिया गया है एडीएम सिटी भावना गर्ग गुरुवार को दरगाह का निरीक्षण किया उन्होंने कहा कि यह दरगाह का रूटीन इंस्पेक्शन था जिसमें दरगाह में पानी की व्यवस्था सफाई व्यवस्था सुरक्षा व्यवस्था सहित व्यवस्था प्रणाली का निरीक्षण किया गया है हालांकि उन्होंने इस ज्वलंत मुद्दे पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया