अजमेर : अक्सर हम अपने आसपास एक जुमला सुनते हैं कि बेटा और बेटी एक समान है जिससे हमें अपने एक सभ्य समाज का नागरिक होने पर गर्व महसूस होने लगता है हम यह यकीन करने लगते हैं कि वाकई में समाज बदल रहा है दकियानूसी विचारधारा टूटने लगी है लेकिन शायद हम अपने इस सभ्य समाज के जिन्होंने चेहरे से अनभिज्ञ हैं।
ससुराल में मिली यातनाओं से परेशान बेटी की व्यथा
वैशाली नगर शिव सागर कॉलोनी निवासी मधुसूदन सोमानी की 31 वर्षीय बेटी ससुराल वालों की यातनाओं से परेशान होकर संदिग्ध परिस्थितियों में शनिवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। लेकिन इतना गंभीर कदम उठाने की बावजूद भी वह जीते जी अपनी बच्ची की हत्या न कर सकी।
घर पर अकेली थी अनुराधा
शनिवार की रात अनुराधा अपने पीहर में अकेली थी। उसके साथ सिर्फ उसकी 2 साल की नन्हीं मासूम बच्ची थी। माता पिता और भाई सर्वेश्वर सोमानी उसके ससुराल पक्ष के लोगों को समझाने के लिए समाज के लोगों से मिलने गए हुए थे। इसी दौरान अनन्या ने अपने पिता के नाम 6 पेज का एक सुसाइड नोट लिखकर फांसी का फंदा गली में डालकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
सुसाइड नोट में वैवाहिक जीवन की कातर व्यथा का इजहार
हर मां-बाप शादी के समय अपनी बेटी को खुश रहने का आशीर्वाद देते हैं लेकिन अपने 3 साल के वैवाहिक जीवन में अनुराधा को इतनी पीड़ा मिली कि उसने दुनिया को अलविदा कहना ज्यादा आसान समझा अपने सुसाइड नोट में अनुराधा ने लिखा है की "पापा अब आपको मेरी वजह से किसी के सामने नहीं झुकना पड़ेगा इसलिए इस दुनिया को छोड़ कर जा रही हूं अपनी 2 साल की बेटी को मारने की हिम्मत मुझ में नहीं है इसलिए उसका ख्याल रखना।"
सुसाइड नोट की अंतिम पेज पर अनुराधा ने अपने माता पिता और भाई से माफी मांगते हुए ससुराल पक्ष को सजा दिलवाने की थी अपील की है ताकि कोई भी दहेज लोभी परिवार किसी और की बेटी को यातनाएं ना दे सके उसने समाजसेवी अपनी बेटी और खुद को न्याय दिलवाने की मांग की है अपने पिता और भाई होली के संदेश में अनुराधा ने उनसे मार्मिक गुहार लगाई है कि उसमें अपनी 2 साल की बेटी को मारने की हिम्मत नहीं थी इसीलिए वे लोग उसकी नन्हीं सी बेटी को एक अच्छा इंसान बनाएं
ससुराल की प्रताड़ना जो बनी मौत का कारण
अपने सुसाइड नोट में अनुराधा ने लिखा है कि 3 साल के वैवाहिक जीवन में व्यस्त सिर्फ 6 महीने अपने पति के साथ रही है शादी के कुछ समय बाद ही उसका पति उसे छोड़कर जर्मनी चला गया जब भी उसने अपने पति से जर्मनी बुलाने की बात कही तो के पति ने वीजा का बहाना बनाकर टाल दिया जैसे तैसे वे जर्मनी पहुंची तो उसे अपने गर्भवती होने की जानकारी मिली उसकी कोख में जुड़वा बच्चे थे एक बच्चा बीमार था जिसे गर्भपात के जरिए निकाल दिया गया जर्मनी में ही जांच के दौरान पता चला कि उसकी कोख में पलने वाला दूसरा बच्चा बेटी है इस पर ससुराल वाले उस पर गर्भपात करवाने का दबाव बनाने लगे जब अनुराधा नहीं मानी तो उसके पति अनिरुद्ध ने उसे उसकी मर्जी के खिलाफ जबरन किशनगढ़ भेज दिया।
प्रेगनेंसी के दौरान भी किए गए अत्याचार
जर्मनी से किशनगढ़ वापस आने पर भी अनुराधा के ससुर गोविंद लाल मालपानी सास सरोज मालपानी और देवर आदित्य मालपानी उसे शारीरिक और मानसिक यातनाएं देते रहे।
बेटी का जन्म और पति के अवैध संबंधों की जानकारी
अनुराधा ने 2 साल पहले बेटी अनन्या को जन्म दिया इसके बाद वह एक बार फिर जर्मनी पहुंची जहां उसे अपने पति के अवैध संबंधों के बारे में पता चला अनुराधा पर अपना राज खुलने के बाद पति अनिरुद्ध से आए दिन परेशान करने लगा यहां तक कि वह उसे कई दिनों तक खाना तक नहीं देता था परेशान होकर अनुराधा अपनी बेटी अनन्या को लेकर भारत वापस आ गई और तभी से अपने माता पिता के पास रहने लगी।
पिता और समाज से लगाई न्याय की गुहार
अनुराधा के माता-पिता ने किशनगढ़ से उसे कॉल भी किया पहली बार में तो उससे बात हुई लेकिन दूसरी बार बात नहीं हो पाई पड़ोसियों ने भी दरवाजा अंदर से बंद होने की जानकारी दी घर पहुंचने पर माता पिता और भाई सर्वेश्वर अनुराधा की लास्ट देखकर बिलख पड़े भाई सर्वेश्वर सोमानी ने अपनी बहन आत्महत्या करने की सूचना क्रिश्चियन गंज थाना पुलिस को सौंपी जिसके बाद पुलिस ने शव को जेएलएन हॉस्पिटल पहुंचाया जहां रविवार को चिकित्सकों की टीम द्वारा शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा अनुराधा ने अपने सुसाइड नोट में अपने पिता और समाज से अपील की है कि वह उसे और उसकी 2 साल की मासूम बच्ची को न्याय दिलाएं और उसके ससुराल वालों को कड़ी सजा दिलवाई जाए